Kavita Jha

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पंचामृत सी पंचकन्या #लेखनी नॉन स्टॉप कहानी प्रतियोगिता-09-May-2022

                         अध्याय -1
                    सुग्रीव और इन्द्रदेव

उसकी माँ उस आदमी की बाँहों में थी जो उसका पिता ना था, उसने उसके पिता की तरह के ही वेशभूषा धारण की थी। माथे पर विभूत लगाया हुआ था लेकिन वह आदमी उसके पिता से उम्र में बहुत छोटा था। आठ साल का यह बालक अपने आँसुओं को रोक ना पाया जब वह चिड़ियाँ का घोंसला लिए अपनी माँ के कमरे में पहुँचा, उसकी माँ उस गैर पुरुष को चुंबन दे रही थी। वह उसके आगोश में समाई हुई थी।

घोंसले में तीन छोटे छोटे चिड़ियाँ के बच्चे अपनी मीठी आवाज में आने वाली परिस्थितियों से अंजान  चहचहा रहे थे। उसके बड़े भाई बाली ने वह घोंसला आश्रम के बाहर लगे खजूर के पेड़ पर चढ़कर उतारा था बड़ी ही सावधानी से, जब यह बालक सुग्रीव हठ कर रहा था। वह तो यहाँ माँ के पास इन चिड़ियाँ के बच्चों के खाने लिए अन्न का दाना लेने आया था।

पंचम की उत्सुकता बढ़ती जा रही थी, उसे ये कहानी बहुत ही रोचक लग रही थी। आज ही काॅलेज की लाइब्रेरी में जब इस इंग्लिश नोवेल वानरा पर उसकी नजर गई तो उसने यह किताब अपने नाम पर इसु करवा ली। काॅलेज से आते ही वह ये नोवेल पढ़ने बैठ गई।

वह औरत कौन थी जिसे सुग्रीव अपनी माँ कह रहा है। सुग्रीव का भाई बाली है यह तो वो जानती थी, रामायण में देखा था और उसकी माँ नीलिमा को जब भी समय मिलता अपनी बेटियों को रामायण  और पौराणिक धार्मिक कथाऐं सुनाती। पर मम्मा ने ऐसी कहानी तो कभी नहीं सुनाई सोचते हुए वो आगे पढ़ती है। ज्यों ज्यों वो पन्ने पलटती जा रही थी उसके मन में अनेक सवाल आते जा रहे थे।

सुग्रीव जिसके हाथ में वह चिड़ियाँ का घोंसला था वह अपनी माँ को इस तरह गैर पुरुष के बाँहों में  देख काँप रहा था, उसकी माँ पूरी तरह अनजान है कि उसके कमरे में उसके प्रेमी इन्द्र के सिवा उसका आठ वर्ष का वह पुत्र भी है जिसे उसने अपनी संतान की तरह पाला है।

चिड़ियाँ के बच्चों की चहचहाहट से इन्द्र का ध्यान भटकता है और  उसकी नजर सुग्रीव पर पड़ती है। गुस्से में आँखे लाल किऐ जब वो सुग्रीव की तरफ देखता है तो उसके हाथ से घोसला जमीन पर गिर जाता है और  वो सूखे पत्ते की तरह काँप उठता है।

चिड़ियाँ के बच्चे जमीन पर बिखर जाते हैं जिस तरह पेड़ से गिरे पत्ते। इंद्र उस औरत की बाँहों से निकल चिड़ियाँ के बच्चों को अपने पैरों से कुचलता हुआ, सुग्रीव की तरफ बढ़ता है और उसे मारने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाता है कि तभी वो स्त्री उसका हाथ पकड़ लेती है।

वो स्त्री कौन है और पंचम की यह किताब वानरा के आगे की कहानी जानने के लिए जुड़े रहिऐ..

कविता झा'काव्या कवि'

#लेखनी

##लेखनी नॉन स्टॉप 2022 प्रतियोगिता

###कहानियों का सफर

(10.05.2022)



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16 Comments

Soniya bhatt

11-May-2022 07:15 PM

👌👌

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Neelam josi

11-May-2022 05:40 PM

बहुत खूब

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Reyaan

11-May-2022 05:12 PM

👌👌👏

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